Yog Kya Hai - Ashtang Yoga Kya Hai, अष्टांग योग के फायदे

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व्यक्ति को अपनी दिनचर्या योग के साथ आरम्भ करनी चाहिए। इससे मन और शरीर स्वस्थ रहता हैं। योग ने शारीरिक व्यायाम के रूप में अपना एक अलग स्थान बनाया है। और आज यह दुनियाभर में लोकप्रिय है हमारे जीवन के चार आयाम हैं भाव, बुद्धि, शरीर और ऊर्जा। योग में जीवन के हर आयाम से जुड़ा एक मार्ग हैं।

मित्रो आज इस लेख के माध्यम से योग के विषय में सम्पूर्ण जानकारी जैसे Yog Kya Hai योग कैसे करें योग के फायदे और Ashtang Yog Kya Hai अष्टांग योग कैसे करें अष्टांग योग के फायदे इन विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।

Yog Kya Hai - योग के फायदे


    Yog Kya Hai

    Yog Kya Hai - योग क्या है?

    योग की उत्पत्ति संस्कृति के युज शब्द से हुई है जिसका अर्थ है -जोड़ना अर्थात आत्मा से परमात्मा का मिलन। योग दर्शन है जो मानव को जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का रास्ता दिखता है। योग को अपनाकर व्यक्ति आत्मसाक्षात्कार करता है। स्थिर होता है और मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।

    1. Raj Yog - Ashtang Yoga Kya Hai

    राज का अर्थ शाही होता है और योग की इस शाखा का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण अंग है ध्यान। इस योग के आठ अंग है। जिस कारण से पतंजलि ने इसका नाम रखा है अष्टांग योग। यह आठ yog इस प्रकार है यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि

    2. कर्म योग - Karma Yog

    अगली शाखा कर्म योग या सेवा का मार्ग है और हम में से कोई भी इस मार्ग से नहीं बच सकता है। इस बारे में जागरूक होने से हम वर्तमान को अच्छा भविष्य बनाने का एक रास्ता बना सकते है। जो हमें नकारात्मकता और स्वार्थ से बाध्य होने से मुक्त करना है।

    3. भक्ति योग - Bhakti Yoga

    भक्ति योग भक्ति के मार्ग का वर्णन करता है। सभी के लिए सृष्टि में परमात्मा को देखकर, भक्ति योग भावनाओं को को नियंत्रित करने का एक सकारात्मक तरीक़ा है।

    4. ज्ञान योग - Gyan Yog

    अगर हम भक्ति को मन का योग मानते है, तो ज्ञान योग बुद्धि का योग है। ऋषि या विदान का मार्ग है। इस पथ पर चलने के लिए योग के ग्रंथो के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि के विकास की आवश्यकता होती है।

    5. हठ योग - Hath Yog

    यह किसी भी प्रकार के योग के लिए एक सामान्य शब्द है जो शारीरिक मुद्राएं सिखाता है। “हठ योग” की कक्षाएं आमतौर पर मूल योग मुद्राओं के सौम्य परिचय के रूप में काम करती हैं।

    6. तंत्र योग - Tantra Yog

    तंत्र योग का संधि बिच्छेद करें तो दो शब्द मिलते है। तं अर्थात फैलाव त्र अर्थात बिना रूकावट के ऐसा फैलाव जिसमे कोई रुकावट न हो। वो एकाकी हो जो अनंत में फैला हुआ हो। तंत्र योग परमत्मा से जूझने का एक साधन है।

    योग के फायदे

    योग से उच्च रक्तचाप सामान्य होता है, तनाव कम होता है मोटापे और कोलेस्ट्रोल पर नियंत्रण होता है इसके साथ ही व्यक्ति का रक्तसंचार तेज होता है जिससे सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। इसका प्रभाव तन ही नहीं बल्कि मन पर भी पड़ता है। योग करने से मन शांत रहता है। योग के जादुई फायदों के कारण ही पूरा संसार अब योग की ओर बढ़ रहा है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी योग के अलग फायदे हैं।

    FAQ :

    Q: योगा क्या है?

    A: योग को धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा सा प्रायोगिक विज्ञान माना जाता है, जो जीवन को जीने की कला सिखाता है. इसे एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जाता हैं।

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